Shane alam khan : crime suspense news network bahraich
बहराइच : रोजगार की मांग को लेकर साइकिल यात्रा निकाल रहे सपाइयों व जिला प्रशासन मेें तीखी नोकझोंक हुई। इस दौरान सपा के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन पर सत्ता के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। काफी नोकझोंक के बाद मामला शांत हुआ। जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू होनेे का हवाला देकर यात्रा को खत्म कराया। यह सब तब हुआ जब यात्रा पूरी तरह से समापन की ओर थी।
रोजगार की मांग को लेकर रविवार को समाजवादी छात्रसभा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष नंदेश्वरनंद यादव के नेतृत्व में साइकिल यात्रा किसान पीजी कॉलेज से निकाली गई। इसकी अगुवाई पूर्व विधायक केके ओझा व रामतेज यादव ने की। साइकिल यात्रा डीएम चौराहा, पीपल चौराहा, बस स्टैंड से होते हुए पूरे शहर में भ्रमण कर किसान पीजी कॉलेज पहुंची। इस दौरान बेरोजगारों को रोजगार, फीस बढ़ोत्तरी वापस लेने तथा छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन को बंद करने की मांग की गई। पूर्व विधायक केके ओझा ने कहा कि हम सभी नागरिक सत्याग्रह करेंगे। एनपीआर का फॉर्म नहीं भरेंगे।
पूर्व विधायक रामतेज यादव ने कहा कि पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सरकार के इशारे पर विपक्ष के आंदोलन को दबाने का काम करता है। नौजवानों के आंदोलन को जिस तरह से कुचला जा रहा है, निश्चित तौर पर इमरजेंसी का माहौल है।
छात्रसभा जिलाध्यक्ष नंदेश्वरनंद यादव ने कहा कि आज पढ़ा-लिखा नौजवान बेरोजगारी की मार झेल रहा है। पीएम व सीएम को बेरोजगारी नहीं नजर आ रही, बल्कि एनसीआर व एनपीआर मुद्दे पर लोगों को भटका रहे है। इस मौके पर अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष महेंद्र स्वरूप पासवान, नफीस प्रधान, जितेंद्र वर्मा, धनीराम यादव, मोबीन अहमद, विशाल ओझा, वीरेंद्र बाल्मीकि, बलबीर वर्मा, वकील खान, दिलदार खां, मिश्री लाल, गोबरे, सुमेरी लाल, सिपाही लाल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
समापन के दौरान पहुंची पुलिस व अधिकारी
पूरे शहर में भ्रमण के बाद साइकिल यात्रा किसान पीजी कॉलेज के पास स्थित ओझा आरा मशीन के पास पहुंची। यहां संबोधन का दौर खत्म होने ही वाला था कि नगर मजिस्ट्रेट जय प्रकाश नगर कोतवाली व देहात कोतवाली पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और धारा 144 लागू होने का हवाला देकर साइकिल यात्रा निकालने का कारण पूछने लगे। इसी बात को लेकर सपा व जिला प्रशासन के बीच जमकर तीखी नोकझोंक शुरू हुई। इस दौरान सपा पदाधिकारियों ने शनिवार को निकले गए शांति मार्च की अनुमति को लेकर सवाल किया तो नगर मजिस्ट्रेट गोलमोल जवाब देकर जल्द से जल्द सबको हटने की बात कहकर पीछे हटने लगे। सवालों से खुद को घिरता देख नगर मजिस्ट्रेट ने पुलिस की मदद से सभी को वहां से हटवाकर वापस आए।